August 10, 2025

यह केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं था, बल्कि उसमें एक बहन का विश्वास, अपनत्व और अपने रक्षक भाई के लिए अटूट स्नेह पिरोया हुआ था। मुख्यमंत्री धामी ने भी उनका हाथ थामते हुए आश्वस्त किया कि एक भाई के रूप में वे हर परिस्थिति में आपदा से प्रभावित बहनों के साथ खड़े रहेंगे और प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी  

 

यह केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं था, बल्कि उसमें एक बहन का विश्वास, अपनत्व और अपने रक्षक भाई के लिए अटूट स्नेह पिरोया हुआ था। मुख्यमंत्री धामी ने भी उनका हाथ थामते हुए आश्वस्त किया कि एक भाई के रूप में वे हर परिस्थिति में आपदा से प्रभावित बहनों के साथ खड़े रहेंगे और प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी

 

अहमदाबाद के ईशनपुर की रहने वाली धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री दर्शन के लिए आई थीं। 5 अगस्त को धराली में आई भीषण आपदा ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी। अचानक आए मलबे और तेज बहाव से मार्ग पूरी तरह बंद हो गया और वे अपने परिवार सहित फंस गईं। चारों ओर तबाही का मंजर, भय और अनिश्चितता का माहौल था। घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर, किसी को नहीं पता था कि अब आगे क्या होगा।
इसी दौरान मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू हुए। रेस्क्यू टीमों ने कठिन परिस्थितियों में भी लगातार प्रयास कर धनगौरी और उनके परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला। भय से कांपते चेहरों पर पहली बार राहत की मुस्कान आई।

शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री धामी तीन दिन से लगातार ग्राउंड जीरो पर डटे रहकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे थे, तो धनगौरी अपनी कृतज्ञता रोक नहीं सकीं। उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन उन आंसुओं में डर नहीं, भरोसा था। वे आगे बढ़ीं, अपनी साड़ी का किनारा फाड़ा और उसका एक टुकड़ा राखी के रूप में मुख्यमंत्री की कलाई पर बांध दिया।

राखी बांधते हुए उन्होंने भावुक होकर कहा –

“मेरे लिए मुख्यमंत्री धामी भगवान श्रीकृष्ण जैसे हैं, जिन्होंने न केवल मेरी, बल्कि यहां मौजूद सभी माताओं-बहनों की एक भाई की तरह रक्षा की है। वे तीन दिनों से हमारे बीच रहकर हमारी सुरक्षा और जरूरतों का ध्यान रख रहे हैं।”

यह केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं था, बल्कि उसमें एक बहन का विश्वास, अपनत्व और अपने रक्षक भाई के लिए अटूट स्नेह पिरोया हुआ था। मुख्यमंत्री धामी ने भी उनका हाथ थामते हुए आश्वस्त किया कि एक भाई के रूप में वे हर परिस्थिति में आपदा से प्रभावित बहनों के साथ खड़े रहेंगे और प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी।

धराली की कठिन परिस्थितियों में बहन-भाई के इस रिश्ते का यह मार्मिक पल वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर गया। आपदा के मलबे के बीच जन्मा यह अपनत्व का दृश्य मानवता, संवेदनशीलता और भाईचारे की सबसे सुंदर मिसाल बन गया।

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